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लेखनी कहानी -12-Jan-2022 स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद जी 


स्वामी विवेकानंद

हिंदू धर्म और दर्शन से 
विश्व लगभग अनजान था 
हमारी प्राचीन सभ्यता एवं 
संस्कृति का ना कोई मान था 
सांप संपेरो का देश मानते थे
हमें जाहिल अनपढ़ जानते थे 

विश्व पटल पर एक नक्षत्र उभरा 
जैसे कोई देवदूत धरा पर उतरा 
अपने दैदीप्यमान प्रकाश के तेज से 
अंधकार को चीरकर दिलों में उतरा 
1893 में शिकागो धर्मसंसद में 
हिंदू , हिंदुत्व, हिन्दुस्तान का वैभव 
देख देखकर अचंभित सारा संसार
स्वामी जी के सम्मुख शर्मसार सा गिरा 

प्रखर बुद्धि , ज्ञान , संस्कार के धनी
ब्रह्मचर्य व्रत धारी , दृढ़ प्रतिज्ञ, साहसी 
वेदांत दर्शन के प्रकांड पंडित बनने 
का सफर आसान न था नरेंद्र के लिए 

अनेक ऋषि मुनि , साधु, संत 
मठ, आश्रम की यात्राएं की थी 
मंदिर मंदिर देशाटन किया था 
रामकृष्ण परमहंस से तब जाकर
अद्भुत ज्ञान ग्रहण किया था ।

"मानवतावाद" के प्रणेता , 
वेदांत के व्याख्याकार 
युवाओं में जोश भरने वाले 
स्वतंत्रता संग्राम को दिशा देने वाले
राष्ट्र भक्ति का पाठ पढ़ाने वाले
"नरेंद्र" हमारे प्यारे विवेकानंद जी को 
आज युवा दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि ।।

हरिशंकर गोयल "हरि"
12.1.21

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2 Comments

Swati chourasia

12-Jan-2022 03:20 PM

Very beautiful 👌👌

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Rakash

12-Jan-2022 02:25 PM

Nice

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